PM मोदी को BJP सांसद के ही बोल- कृषि कानूनों की वापसी पहले ही कर लेते तो आज... अब यह भी कर दीजिये
 
                        BJP MP Varun Gandhi writes a letter to PM Modi
केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीनों कृषि कानूनों की अब वापसी हो गई है| पीएम मोदी तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का बड़ा ऐलान कर चुके हैं| लेकिन आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि वह अभी आंदोलन खत्म नहीं करने वाले| क्योंकि MSP पर कानून सहित और भी कुछ मुद्दों पर सरकार को उनकी बात माननी होगी| इधर, अब इस कड़ी में एक BJP सांसद ने भी पीएम मोदी से ऐसा ही करने को कहा है| बीजेपी सांसद ने पीएम मोदी से कहा कि उन्हें आंदोलनकारी किसानों की हर मांग को मानना चाहिए| इसके अलावा बीजेपी सांसद ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का बड़ा ऐलान जो अब जाके किया गया, वह अगर पहले ही कर दिया जाता तो बड़ी संख्या में किसान अपनी जिंदगी न खोते| दरअसल, बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है और कहा है - तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा का मैं स्वागत करता हूँ। मेरा विनम्र निवेदन है कि एमएसपी पर कानून बनाने की मांग व अन्य मुद्दों पर भी अब तत्काल निर्णय होना चाहिए, जिससे किसान भाई आंदोलन समाप्त कर ससम्मान घर लौट जाएं।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी का पूरा पत्र
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
पिछले एक साल से किसानों का एक विशाल आंदोलन देशभर में चल रहा है। आपने बड़ा दिल दिखाते हुए इन कानूनों को निरस्त करने की जो घोषणा की है उसके लिए मैं आपको साधुवाद देता हूँ। पिछले एक साल में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में धरना देते हुए इस आंदोलन में सात सौं से ज्यादा किसान भाइयों की शहादत भी हो चुकी है। मेरा मानना है कि यह निर्णय यदि पहले ही ले लिया जाता तो इतनी बड़ी जनहानि नहीं होती। आपसे विनम्र निवेदन है कि आंदोलन में शहीद हुए किसान भाइयों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए इनके परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाए। इस आंदोलन के दौरान किसान भाइयों को प्रताड़ित करने के लिए जितनी भी फर्जी एफआईआर दर्ज की गई हैं उन्हें भी तत्काल निरस्ल किया जाना चाहिए।
किसानों की दूसरी मांग एमएसपी को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने से सम्बंधित है। हमारे देश में 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे, लघु और सीमांत किसान हैं। हमें इन किसानों के सशक्तिकरण के लिए इनको फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाना सुनिश्चित करना होगा। यह आंदोलन इस मांग के निस्तारण के बिना समाप्त नहीं होगा और किसानों में एक व्यापक रोष बना रहेगा जो किसी न किसी रूप में सामने आता रहेगा। अतः किसानों को फसलों की एमएसपी की वैधानिक गारंटी मित्रना अत्यंत आवश्यक है। एमएसपी भी कृषि लागत मूल्य आयोग के 02+50% फॉर्मूले के आधार पर होनी चाहिए। इस विषय में मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि सरकार को राष्ट्रहित में इस मांग को भी तत्काल मान लेना चाहिए। इससे हमारे किसान भाइयों को एक बहुत बड़ा आर्थिक सुरक्षा चक्र मित्र जाएगा और उनकी स्थिति में व्यापक सुधार होगा।
वरिष्ठ पदों पर बैठे कई नेताओं ने आंदोन्नरत किसानों को लेकर बहुत ही व्यथित करने वाले बयान दिए हैं। इन बयानों और किसान आंदोलन के प्रति अब तक अपनाए गए उपेक्षापूर्ण रवैये का ही नतीजा है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में पांच किसान भ्राइयों की गाड़ियों से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई। यह हृदयविदारक घटना हमारे लोकतंत्र पर एक काले धब्बे के समान है। मेरा आपसे निवेदन है कि इस घटना में निष्पक्ष जांच एवं न्याय हेतु इसमें लिप्त एक केंद्रीय मंत्री पर भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिंए। लोकतंत्र संविधान, संवाद और संवेदनशीलता से चलता है। देश के किसान आपसे अपनी समस्याओं का संवेदनापूर्वक समयबद्ध निस्तारण की अपेक्षा करते हैं। मेरा विश्वास है कि किसानों की उपरोक्त अन्य मांगों को मान लेने, लखीमपुर खीरी की घटना में न्याय का मार्ग प्रशस्त करने से आपका सम्मान देश में और बढ़ जाएगा। मुझे आशा है कि इस विषय में भी आप शीघ्र ठोस निर्णय लेंगे।
सादर धन्यवाद
 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                